मुरार कण्डारी
नई दिल्ली। बहुजन सचतन मंच के संरक्षक नव कुमार सरनिया लोकसभा सांसद कोकराझार ने कहा हम राजस्थान के सिरोही जिले के कार्तिक भील को कुछ बदमाश असामाजिक तत्व ने हाथ पैर तोड़के हत्या कर दिया। मरने से पहले कार्तिक भील ने खुद ही वीडियो के जरिये सबको बताके गया । दुःख की बात हैं कि सही समय में सही कदम राज्य सरकार के अधिकारीगण ने उठाया नहीं। अगर सही कदम उठता तो सायद कार्तिक भील आज जिन्दा होता. उनको न्याय दिलाने कि परिवार और समाज के लोग आज भी धरने में बैठे हुए हैं। परिवार और सामाजिक संगठनो का मांग हैं ।
कार्तिक भील का हत्याकारी को पकड़कर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में विचार करके कड़ी से कड़ी सजा दिया जाएँ ।चिकित्सा कि लापरवाही का सही तरह से जांच किया जाये। उनके परिवार को एक करोड़ मुवाबजा दिया जाएँ।उनके पत्नी को कोई भी सरकारी नौकरी में नियुक्त किया जाएँ ।उनका घर का जमीन का पट्टा जो छीन लिया गया हैं उनको तुरंत वापस किया जाएँ ।
देश का बहुत सारे प्रदेशों में नए नए लोग अनुसूचित जनजाति में संमिलित हो रहे हैं, इधर और सारे देश का आदिवासी लोगों का डर हैं कि उनका आरक्षण और सुख सुविधाएं दूसरे लोग ले जायेंगे या सरकार ख़त्म कर देगी।इसमें उल्लेखनीय हैं हाल ही में उत्तर प्रदेश का 13 जिले के साथ और चार जिलों में गोंड समुदाय को अनुसूचित जाती से अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में लाया गया हैं। लेकिन गोंड का कोई नायक और ओझा उप-जातियां नहीं हैं। यह लोग उच्च जाति का हैं और अन्य पिछड़ा एवं अगड़ा वर्ग के तहत आते हैं । इसके वजह से उत्तर प्रदेश सहित पुरे देश में आदिवासी का दर्द और गहरा हो गया हैं, सेंसस ऑफ़ इंडिया ( जनगणना) को देखने की कृपा करें । हिमाचल प्रदेश का भी हाथी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में लाने के लिए सदन में चर्चा हो रहे हैं। लेकिन उधर के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का मानना हैं कि यह लोग फारवर्ड कम्युनिटी के लोग हैं। तीन बार केंद्रीय एजेंसी ने यह विधेयक लौटा दिया था । इसबार छल से यह विधेयक बांके संसद तक आ गया । अगर वे लोग अनुसूचित जनजाति बन गया पहले का अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का सभी अधिकार ख़त्म हो जायगा और उनके ऊपर अत्याचार भी बढ़ेगा। अगर आप अपने कार्यालय में जांच करेंगे तो सभी दस्ताबेज आपको मिल जायेगा क्यूंकि वहां के लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपें थेहमारा आदिवासी भाइयों ने बहुत पहले से आपका अलग से धर्म कॉड मांग करते आए रहे हैं इसलिए सरकार आदिवासी को अलग से धर्म कोड लागू करने का पहल करें। राष्ट्रीय अध्यक्ष राम निवास गोंड, डॉ राजेश्वर गौतम-महामंत्री, मदन प्रसाद गोंड-मंत्री तोताराम भील, संयोजकः संजय कुमार गोंड, दीपक भील आदि उपस्थित रहे।