नई दिल्ली : दिल्ली की अरविंद केजरीवाल और अफसरशाही के बीच खींचतान और टकराव का असर अब दिल्लीवालों के जनजीवन पर होने जा रहा है। बकाया पेमेंट नहीं मिलने की वजह से दिल्ली जल बोर्ड कॉन्ट्रैक्टर असोसिएशन ने सोमवार से हड़ताल की की शुरुआत कर दी है। संगठन के महासचिव विजय मंगला ने दावा किया कि बकाया मिलने तक करीब 1,150 ठेकेदार अपने काम को बंद रखेंगे। इससे पानी और सफाई से संबंधित कई सेवाएं दिल्ली में प्रभावित हो सकती हैं और दिल्लीवासियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। मंगला ने कहा कि बकाया मिलने के बाद ही हड़ताल को खत्म किया जाएगा।
दिल्ली जल बोर्ड कॉन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर असोसिएशन ने अडिशनल चीफ इंजीनियर को लेटर लिखकर बताया था कि बकाया नहीं मिलने की वजह से ठेकेदार अपना काम बंद कर देंगे। लेटर में कहा गया है, ‘काफी विचार-विमर्श और कोई विकल्प नहीं दिखने के बाद सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि पानी लीकेज, पानी प्रदूषण, पानी आपूर्ति रखरखाव, व्यवस्थित सीवरेज सिस्टम, सीवरेज सिस्टम का रखरखाव, ट्यूबवेल और पंपिंग स्टेशन संचालन, सीवर बेलदार, मजदूर देना और गाद निकालने से संबंधित सभी कामकाज 27 नवंबर से बंद कर दिए जाएंगे।’
23 नवंबर को असोसिएशन की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था। फरवरी से पेमेंट नहीं मिलने की वजह से यह फैसला लिया गया है। असोसिएशन का कहना है कि सभी ठेकेदारों को बकाया मिल जाने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि बकाया जारी करवाने के लिए पिछले तीन महीने से दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘जल मंत्री ने बार-बार वित्त विभाग को लिखा है और एलजी को अवगत कराया है। वित्त मंत्री की ओर से कई बार निर्देश दिए जाने के बावजूद वित्त विभाग ने तीन महीने से फंड जारी नहीं किया है। फंड में देरी के लिए वे अलग-अलग आपत्ति जाहिर करते रहते हैं।’
इससे पहले दिल्ली की जलमंत्री आतिशी ने दावा किया था कि शहर को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने एलजी वीके सक्सेना से तुरंत हस्तक्षेप की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त विभाग की ओर से फंड जारी नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में जल संकट पैदा हो सकता है और सीवरेज व्यवस्था भी ठप हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, आतिशी ने एलजी को लिखे लेटर में वित्त सचिव आशी सी वर्मा पर जानबूझकर फंड रोकने का आरोप लगाया था।