नई दिल्ली : यूरोप महाद्वीप में फरवरी 2022 में शुरू हुई रूस और यूक्रेन की जंग (Russia Ukraine War) खत्म नहीं हो रही. पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आवास पर ड्रोन हमले की खबरें आने के बाद से ही रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं. यूक्रेन के अब हजारों लोग इस जंग में मारे जा चुके हैं. लाखों लोगों को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा है. कम से कम 70 लाख लोग आतंरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.
यूक्रेन की डिप्टी पीएम इरीना वीरेशचुक (Iryna Vereshchuk) ने बताया कि रूसी आक्रमणों से मची तबाही के चलते देश में लाखों लोगों के सामने रहने-खाने का संकट व्याप्त हो गया है. पिछले महीने यूक्रेनियन उप प्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा कि 7 मिलियन (70 लाख) यूक्रेनियन रूस-यूक्रेन संघर्ष से आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. वहीं, अभी सरकारी प्रेस सेवा ने एक बयान में कहा है कि अगस्त 2022 से यूक्रेन के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से करीब 118,000 लोगों को निकाला गया है.
यूक्रेनियन सरकार के बयान के मुताबिक, लगभग 70 हजार लोग पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र से देश के भीतर सुरक्षित क्षेत्रों में चले गए हैं. इसके अलावा लगभग 25 हजार लोगों को पूर्वी खार्रिव क्षेत्र से निकाला गया है और 23 हजार अन्य दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र से चले गए हैं. इस साल फरवरी में कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने यूक्रेन में मची तबाही का आकलन किया था. तब बताया गया था कि 24 फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में यूक्रेन का 138 अरब डॉलर का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया. भारतीय करंसी में ये रकम 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बैठती है.
कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक, दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में 1,49,300 रिहायशी इमारतें या तो पूरी तरह तबाह हो चुकी थीं या फिर डैमेज हो गईं. इसके साथ ही अब तक 3 हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान तबाह हो गए हैं. 11 सौ से ज्यादा अस्पताल बर्बाद हो चुके हैं.