नई दिल्ली l दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पद के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 10 फरवरी, 2022 को जो अधिसूचना जारी की थी. उसके खिलाफ बुधवार 2 मार्च को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
इस याचिका में अदालत से ये निर्देश देने की मांग की गई है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक का पद न सिर्फ अत्यंत विशिष्ट है और इसके लिए सबसे सक्षम और अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता है बल्कि साथ ही यह एक अनारक्षित और एकमात्र पद भी है इसिलिए यह मनाना है कि तर्कहीन और भेदभाव पूर्ण नहीं हो सकता। इस याचिका में ये भी मांग की गई है कि इस पद की ऊपरी आयु सीमा 60 वर्ष होनी चाहिए और जो लोग भी 1 अक्टूबर 2021 तक इस पद के लिए उपयुक्त हैं वो आवेदन दे सकें।
भाजपा नेता, वकील व याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि विज्ञापन के अनुसार प्रबंध निदेशक का कार्यकाल पांच साल का है और बाहरी व आंतरिक सभी तरह के उम्मीदवार के लिए ज्यादातर सीमा 65 वर्ष व इस पद पर सेवा विस्तार का भी कोई प्रावधान नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि इसके बावजूद सरकार वर्तमान प्रबंध निदेशक को चार बार ये कहकर सेवा विस्तार दे चुकी है कि पद के लिए कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिल रहा। जबकि इसी बीच दिल्ली सरकार ने लखनऊ मेट्रो, चेन्नई मेट्रो समेत अन्य मेट्रो से आने वाले अनुभवी व उपयुक्त आवेदकों के लिए आयु सीमा घटा दी है। इसलिए, यह अधिसूचना स्पष्ट रूप से मनमाना, तर्कहीन, अनुचित है और बेशर्मी से अनुच्छेद 14, 16, 21 का उल्लंघन करती है।