नई दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मुखर्जी नगर में बने 13 साल पुराने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को गिराने का निर्णय लिया है। DDA ये काम एक सलाहकार नियुक्त करने के बाद करेगा। सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में रह रहे लोगों से पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। कहा जा रहा है कि लोगों को 30 नंवबर तक घर खाली करने का नोटिस गया है। अपार्टमेंट को गिराने से पहले नियुक्त किया गया सलाहकार एक प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसमें बिल्डिंग को गिराने के तरीके के बारे में चरणबद्ध तरीके से जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही बिल्डिंग को गिराने के बाद जो भी मलबा बचेगा उसका इस्तेमाल पुनर्निमाण में होगा। सलाहकार का ये भी काम होगा कि वो लोगों को प्रोजेक्ट की लागत के साथ-साथ प्रदूषण को रोकने के उपाय और बिल्डिंग की सुरक्षा के तरीके बताए। गौरतलब है कि, प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तारीख 15 नंवबर तय की गई है।
सलाहकार के काम भी तय
एक अधिकारी के मुताबिक, अपार्टमेंट को गिराने, रीसाइक्लिंग के बोलियां लगाने के लिए टेंडर बनाना और कचरा हटवाना जैसे काम DDA का सलाहकार करेगा। इसके साथ सलाहकार के पास पूरे प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग का काम भी होगा। इस दौरान DDA जरूरत पड़ने पर किसी भी समय सलाहकार की मदद ले सकता है। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि उस सलाहकार की अवधि मात्र छह महीने की होगी, अगर जरूरत पड़ी तो उसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
30 नवंबर तक का समय
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खाली कराने के लिए DDA ने डेडलाइन भी दी है। 30 नवंबर से पहले लोगों को बिल्डिंग को पूरी तरह से खाली करना होगा। बता दें कि पूरे कॉम्प्लेक्स में 12 टावर हैं और इमारतें लगभग 13 साल पुरानी हैं। सितंबर माह के अंत में अपार्टमेंट के लोगों ने DDA के साथ मीटिंग कर डील की और उस दौरान 15 अक्टूबर तक का समय दिए जाने की बात कही थी। हालांकि बाद में जगह खाली करने के लिए उन्हें 45 दिन का समय दिया गया।
DDA और सोसाइटी के बीच डील
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि, एक दिन में पूरा अपार्टमेंट खाली कराना असंभव है। फिर DDA ने कहा है कि, वो मौजूदा फ्लैट मालिकों के 336 फ्लैट के अलावा 168 नए फ्लैट बनाएगा। वहीं, ये भी बताया गया कि HIG मालिकों के लिए हर महीने 50,000 रुपये और इनके साथ MIG मालिकों के लिए 38,000 रुपये का किराया चुकाया जाएगा। किराए की राशि का भुगतान उस दिन से होगा जब 336 फ्लैट मालिक फ्लैट का कब्जा प्राधिकरण को सौंप देंगे। यह भुगतान समाप्ति तिथि तक जारी रहेगा।
क्यों गिराई जा रही बिल्डिंग
अधिकारियों ने बताया है कि, इन टावरों को गिराने के लिए पहले तो चर्चा थी कि विस्फोट ही एकमात्र सुरक्षित उपाय है। गौरतलब है कि, IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स ने टावरों पर नवंबर 2022 में जांच की थी और तब उन्होंने बताया था कि, अपार्टमेंट रहने योग्य बिल्कुल भी नहीं थे। ऐसे में इस साल जनवरी में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने DDA को टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।