नई दिल्ली: वी.के. पांडियन की काफी चर्चा हो रही है। चर्चा सिर्फ ओडिशा में ही नहीं हो रही है। IAS अधिकारी रहे पांडियन को अब नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। हालांकि इस पर कोई आश्चर्य नहीं और यह लिस्ट काफी लंबी है। राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने कभी राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा था। हाल के दिनों में देखा जाए तो कई आईएएस, आईपीएस ने राजनीति में एंट्री मारी है। कई रिटायरमेंट के बाद तो कई ऐसे जिन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा।
2000 बैच के IAS अधिकारी पांडियन अब नई भूमिका में
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व निजी सचिव वीके पांडियन को अब उनके कैबिनेट में जगह मिल गई है। आईएएस पांडियन को ओडिशा में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। उन्हें राज्य सरकार की 5 टी(परिवर्तन पहल) और नवीन ओडिशा योजना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पांडियन ने नौकरशाही के अपने करियर की शुरुआत 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के रूप में की थी। उन्हें 2005 में मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था और फिर 2007 में पांडियन को गंजम का जिलाधिकारी बनाया गया। गंजम में अपने पदस्थापन के दौरान ही वह मुख्यमंत्री के करीबी हो गए। पटनायक मूल रूप से गंजम जिले के रहने वाले हैं। पांडियन, 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में आए और तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे।
अश्विनी वैष्णव इनके काम से पीएम मोदी भी प्रभावित
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आईआईटी कानपुर से पढ़े हैं। वह 1994 बैच के आईएएस अधिकारी और ऑल इंडिया लेवल पर उनकी 27 वीं रैंक थी। ओडिशा के बालासोर और कटक जिले में बतौर डीएम उनकी तैनाती रही। उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से राजस्थान के पाली जिले का रहने वाला है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की राजनीतिक यात्रा 2008 से शुरू होती है। हालांकि सक्रिय राजनीति में 2019 में कदम रखा। अश्विनी वैष्णव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी में उनके सचिव भी रह चुके हैं। उनके काम से पीएम मोदी भी प्रभावित थे।
किस्मत का पहिया ऐसा घूमा कि विदेश मंत्री बन गए
विदेश मंत्री एस जयशंकर जिनकी आजकल खूब चर्चा होती है। मोदी सरकार में मंत्री बनने से पहले वह विदेश सेवा अधिकारी (IFS) रहे हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वह कभी राजनीति में आएंगे इस बारे में कभी नहीं सोचा था। किस्मत का पहिया ऐसा घूमा कि वो विदेश मंत्री बन गए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। एस जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के पद पर रहे थे। इससे पहले उन्होंने चीन और अमेरिका सहित कई प्रमुख देशों में राजदूत का पद संभाला है।
बिहार की इस सीट से पहली बार लड़े लोकसभा चुनाव
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह 1975 बैच के आईएएस अधिकारी, 2011 में केंद्रीय गृह सचिव बने थे। 2013 में रिटायर होने के बाद बीजेपी जॉइन कर लिया और 2014 में बिहार के आरा से लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 2019 में भी वह इसी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे। वर्तमान में वह केंद्र में मंत्री हैं। आरके सिंह वह शख्स थे जिन्होंने 1990 में रथयात्रा पर निकले लालकृष्ण आडवाणी का रथ बिहार के समस्तीपुर में रोक लिया था और आडवाणी गिरफ्तार हुए थे। आरके सिंह उस वक्त समस्तीपुर के जिलाधिकारी थे।
यूपी में होती है इनकी चर्चा
उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री एके शर्मा 1988 बैच के आईएएस जो गुजरात में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी। यूपी के मऊ जिले के रहने वाले एके शर्मा मऊ जिले में पढ़े और इंटर के पश्चात इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए चले गए। 1988 में आईएएस बनकर गुजरात चले गए। वहीं कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर रहे आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने वीआरएस लेने के बाद राजनीति में कदम रखा। यूपी से उन्होंने पिछला विधानसभा लड़ा। पहली बार में ही जीत दर्ज कर वह विधायक बने और अब योगी सरकार में मंत्री भी हैं। अधिकारियों की यह लिस्ट काफी लंबी है जिन्होंने राजनीति में कदम रखा।
इस लिस्ट में कई नाम हैं शामिल
हरदीप सिंह पुरी 1974 भारतीय विदेश सेवा में नियुक्त हुए। विदेश और रक्षा मंत्रालयों में कई पदों पर रहें। अब वह केंद्र में मंत्री हैं। किरण बेदी देश की पहली महिला आईपीएस अफसर। वीआरएस लेने के बाद पहले सोशल एक्टिविस्ट और फिर दिल्ली की कृष्णा नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ीं। चुनाव हालांकि नहीं जीत सकीं। बाद में वह राज्यपाल बनीं।सत्यपाल सिंह मोदी सरकार में मंत्री रहे। राजनीति में आने से पहले महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। बृज लाल यूपी से राज्यसभा सांसद हैं। वह यूपी के डीजीपी रह चुके हैं। वह 1977 बैच के आईपीएस अफसर थे। आर नटराजन 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी। तमिलनाडु के डीजीपी भी रहे। बाद में राजनीति में कदम रखते हुए एआईएडीएमके जॉइन कर लिए और विधानसभा चुनाव लड़े।
हासिल किया मुकाम
जिन अधिकारियों की हमने बात की है उससे पहले भी कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी रहे जिन्होंने राजनीति में कदम रखा। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में यह संख्या बढ़ी है। इनमें से कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने काफी ऊंचा मुकाम हासिल किया है।