मुरार कण्डारी
उत्तराखंड प्रवासी पक्षियों की असंख्य प्रजातियों के लिए शीतकालीन अभयारण्य के रूप में कार्य करता है। अक्टूबर से मार्च तक, राज्य की आर्द्रभूमियों में निवास करने के लिए दूर-दराज से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। 20 जनवरी को राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा गठित टीमों की मदद से इन पक्षियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। AWC के नाम से जानी जाने वाली इस पहल का उद्देश्य मुख्य रूप से दक्षिणी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में जहां आर्द्रभूमि प्रचलित है, आर्द्रभूमि और जल पक्षियों के संरक्षण और निगरानी को सुनिश्चित करना है।
वही इस क्रम में तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी के निर्देशन पर एसडीओ शशिदेव ने पीपल पड़ाव के रेंज अफसर रूप नारायण गौतम अपने दल बल के हरिपुरा जलाशय में प्रवासी जल पक्षियों की गिनती की प्रवासी जल पक्षियों को देखकर गदगद हुये बर्ड प्रेमी और तीन जैव विविधता समिति सहित वन अधिकारी और वन कर्मी, वही आज तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की पीपल पड़ाव रेंज के रेंज एरिया के हरिपुरा जलाशय में जल पक्षियों की गिनती की गयी जिसमे इस साल 58 प्रजातियों के लगभग 2958 पक्षी के दीदार हुये है अभी और पक्षियों के आने की संभावना है हरिपुरा जलाशय में एशियन जल पक्षियों की गिनती 2024 में एसडीओ शशिदेव और पीपल पड़ाव के रेंज अफसर रूप नारायण गौतम व पीपल पड़ाव का वन कर्मी मौजूद थे वही 10 बर्ड प्रेमी व जैव विविधता समिति के अधिकारी हिमांशु बागरी प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर मौजूद रहे।