गीता रेखड़ी नई दिल्ली: 17 मई मंगलवार शहीद महावीर सिंह राठौर के बलिदान दिवस पर, शहीद सम्मान अभियान के बैनर तले शहीदों के परिवार सहित संस्था ने दिल्ली के जंतर मंतर पर, अंडमान निकोबार स्थित सेल्यूलर जेल (काला पानी) में क्रांतिकारियों के इतिहास को देखने और सुनने के लिए लगने वाले शुल्क के विरोध में उपवास किया । अभियान के संयोजक हरपाल सिंह राणा का कहना है कि देश आज़ादी का 75वां अमृत महोत्सव बना रहा है। लेकिन सरकार के द्वारा सेल्यूलर जेल देखने पर 30 रुपए का टिकट और शाम को शहीदों पर साउंड के कार्यक्रम देखने पर तीन सौ का टिकट
स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी का अपमान है। क्या शहीदों ने देश को आजादी इसलिए दिलाई कि आजाद भारत में नागरिकों को उनकी ही आज़ादी के संघर्ष और बलिदान देखने के लिए शुल्क देना पड़े।
उपवास में मौजूद नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पोती सुश्री राजश्री चौधरी ने कहा कि यह बिल्कुल उचित न्याय नहीं है। इस अवसर पर शहीद सुखदेव के पोते अनुज थापर ने बताया कि वह लगाए गए टिकट का विरोध करते है और टिकट शुल्क को हटवाने की कोशिश करेंगे।
वही स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के दौरान सेल्यूलर जेल में बंद रहे और शहीद हुए शहीदों में से 16 क्रांतिकारियों के परिवारों के वंशज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से यहां पहुंचे और इस व्यवस्था का विरोध कर केंद्र सरकार से मांग है कि जल्द शुल्क बंद करवाए।
इस अवसर पर सेल्यूलर जेल में बंद रहे क्रांतिकारियों के वंशज कमला देवी, विजय सिंह, पुष्पा देवी, मनीष कुमार, सचिन कुमार, प्रकाश नंद, नितिन कुमार, बाबूराम राकेश, कुमार सुनील कुमार, राजेश कुमार, उदयवीर सिंह, के पी सिंह आदि शामिल रहे। इसके अलावा देवराज मालिक, विमल कुमार सक्सेना, अनुज शर्मा, अरविंद पाल दहिया रामहरे, हरीचंद गहलोत, सतवीर राणा, देवी सिंह रावत, मनोज, नरेंद्र सिंह, गौरव, सुनीता चौधरी, राजेश, सीमा राणा, संगीता, सुमित चौधरी, सुशील खन्ना, निखिल, गौरव अर्जुन सिंह आदि शामिल रहे।