कुंवारी लड़कियों को चंद्रमा की जगह तारे देखकर व्रत का पारण करना चाहिए. इस दौरान वह करवे की जगह पानी से भरे कलश का इस्तेमाल कर सकती हैं. करवे का इस्तेमाल शादी का किया जाता है. करवा चौथ व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पति की रक्षा और सौभाग्य की कामना करती हैं. हालांकि, यह व्रत विवाहित स्त्रियों के लिए माना जाता है, लेकिन जिनकी शादी तय हो चुकी है, ऐसी कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत कर सकती हैं.
करवा चौथ व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं पूजा के दौरान छलनी का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में कु्ंआरी लड़कियां छलनी का इस्तेमाल न करें. करवा चौथ व्रत के दिन कुंवारी लड़कियों को शंकर-पार्वती की पूजा करनी चाहिए और व्रत की कथा सुननी चाहिए, क्योंकि सुहागिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा करन के बाद व्रत खोलती हैं. ऐसे में अविवाहित लड़कियों के लिए चंद्रमा की पूजा का कोई विधान नहीं है.
करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को निर्जला व्रत नहीं करना चाहिए. अविवाहित युवतियां निराहार व्रत रख सकती हैं. निर्जला व्रत में सुहागिन महिलाएं पति के हाथों से पानी पीकर पारण करती हैं. ऐसे में कुंआरी लड़कियों को निर्जला व्रत नहीं करना चाहिए.