करीब एक हजार करोड़ का घोटाला करने वाला भू-माफिया को दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र के नासिक में आकर पकड़ा है. इस घोटालेबाज आरोपी का नाम पीयूष तिवारी है. तिवारी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब में जमीन खरीद-बिक्री के धंधे में करोड़ों का घोटाला किया है. उस पर इन तीनों राज्यों में करीब 37 केस दर्ज हैं. पीयूष तिवारी की खोज में पिछले 6 महीने से दिल्ली पुलिस रात-दिन एक कर रही थी. तिवारी के बारे में सुराग देने वाले के लिए पुलिस ने 50 हजार के इनाम का भी ऐलान किया था. आखिर इसे पुलिस ने नासिक में आकर दबोच लिया.
पीयूष तिवारी के साथ और कौन-कौन से लोग इस धंधे में शामिल थे, पुलिस अब उन लोगों का पता लगाने में जुट गई है. पिछले कई दिनों से वो नासिक में रह रहा था. इसके बारे टिप मिलने के बाद पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया और पीयूष तिवारी को नासिक आकर पकड़ लिया. इस कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस की तारीफ की जा रही है. भरे ही देर हुई हो, लेकिन एक शातिर अपराधी को पकड़े जाने पर खुशी और राहत महसूस की जा रही है.
नाम बदल कर नंबर एक माफिया, नासिक में था बन कर बहुरुपिया
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब यानी जगह-जगह जब पीयूष तिवारी जमीन घोटाला करने लगा तो उसके पीछे लग गई. साल 2016 से 2018 के बीच उस पर कई केस दर्ज हुए. इसके बाद तिवारी फरार होकर महाराष्ट्र आ गया. नासिक में उसने खूब बढ़िया अपना ठिकाना बनाया. इसके लिए उसने अपना नाम बदला. यहां वो लोगों को अपना नाम पुनीत भारद्वाज बताता था. पीयूष तिवारी को इस गोरखधंधे में उनकी पत्नी मदद कर रही थी. पुलिस तिवारी की पत्नी को अरेस्ट करने में कामयाब हो गई थी. फिलहाल वो जेल में है.
कई लोगों के साथ की ठगी, 120 करोड़ की रकम मिली
पुलिस ने पीयूष तिवारी को नासिक में जैसे ही पकड़ा, उसने पोपट की तरह सारे राज उगलना शुरू कर दिया. पुलिस को बताया कि उसने 2011 में 8 फर्जी कंपनियां तैयार कीं. 2018 में उसने कुल 15 से 20 फर्जी कंपनियां तैयार कीं. 2016 में उसके घर इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा. तब उसके पास से 120 करोड़ की रकम मिली थी. इस कार्रवाई के बाद उसे जोरदार झटका लगा. वह कई एजेंसियों की नजरों में आ गया. इससे बाहर आने के लिए और पैसा कमाने के लिए उसने लोगों को ठगना शुरू कर दिया.
एक ही फ्लैट कई लोगों को बेच डाला, एक के बाद एक घोटाला
पीयूष तिवारी एक फ्लैट खरीदता था. फिर वो उस एक फ्लैट को कई लोगों को बेच डालता था. ऐसा कर के उसने की लोगों को फंसाया. उसके खिलाफ दिल्ली समेत कई जगहों पर केस दर्ज किए गए. इसके बाद वो वहां से फरार हो गया. तिवारी पहले एक ऐड एजेंसी चलाता था. डीसीपी सागर प्रीत कलसी द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक उनकी टीम कई दिनों से तिवारी के पीछे लगी थी. 20 मार्च को पुलिस को पता चला कि यह नाम बदल कर नासिक में रह रहा है.
सारी चालाकियां रह गईं, दिल्ली पुलिस यूं पकड़ने पहुंच गई
दिल्ली पुलिस की टीम नासिक आई. यहां आकर दिल्ली पुलिस को पता चला कि पीयूष तिवारी यहां प्याज और अनाज के धंधे में उतरा हुआ है. पुलिस ने सभी प्याज व्यापारियों की लिस्ट तैयार की. तब उन्हें पुनीत भारद्वाज नाम के शख्स का पता चला. इसी शख्स के पीयूष तिवारी होने का शक हुआ. जब और जानकारियां हासिल की गईं तो पुलिस का शक सही साबित हुआ. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पीयूष तिवारी को दबोच लिया.