नई दिल्ली l भारती एयरटेल की डेटा सेंटर सहायक कंपनी नेक्स्ट्रा और रियल एस्टेट कंसल्टेंसी जेएलएल इंडिया ने ‘डेटा सेंटर्स: द बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ डिजिटल रेवोल्यूशन इन इंडिया’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें भारतीय डेटा सेंटर इंडस्ट्री, उसकी जरूरत और विस्तार के बारे में जिक्र किया गया है।नेक्सट्रा बाय एयरटेल और जेएलएल की रिपोर्ट के मुताबिक केबल लैंडिंग स्टेशन के चलते मुम्बई और चेन्नई को डेटा सेंटर के लिए पहचान की गई है। इसके अलावा अनुमान जताया गया है कि डेटा संरक्षण, क्लाउड कंप्यूटिंग, कैप्टिव डेटा सेंटर्स से क्लाउड डेटा सेंटर्स में बदलाव की डिमांड बनी रहेगी।
क्या होते हैं डेटा सेंटर
डेटा सेंटर ऐसी जगह होती है जहां किसी कंपनी की आईटी गतिविधियों और उपकरणों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। इन सुविधाओं में डाटा स्टोरेज, सूचनाओं की प्रोसेसिंग और दूसरे स्थान पर उसे पहुंचाना और कंपनी के एप्लिकेशन से जुड़े कामकाज शामिल हैं. इसे किसी सर्वर की तरह मान सकते हैं जहां से किसी कंपनी का पूरा आईटी ऑपरेट होता है।
डिजिटल इकोनॉमी में डेटा सेंटर का अहम योगदान
इस अध्ययन के विषय में जानकारी देते हुए रचित मोहन, हेड, डेटा सेंटर एडवाइजरी, इंडिया, जेएलएल ने कहा कि डेटा सेंटर भारत को डिजिटल बदलाव के चलते साल 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल इकोनॉमी बनने में मदद करेंगे। भारतीय डेटा सेंटर उद्योग के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करेगा, जिससे भारत एक वैश्विक हब के रूप में उभर सकेगा। अपनी भौगोलिक स्थिति और बुनियादी ढांचे के कारण, मुंबई और चेन्नई को भारत के डेटा सेंटर बाजार की पहचान की गई है।
ये बनेंगे डेटा सेंटर
राजेश तपाड़िया, सीईओ, नेक्स्ट्रा बाय एयरटेल ने कहा कि मुंबई के बाद चेन्नई देश में उच्चतम इंटरनेट गति, समुद्र के अंदर केबल लैंडिंग, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और उद्योग समर्थक सरकारी नीतियों और कुशल मैनपावर जैसे बुनियादी ढांचे के लाभ के साथ अगले डेटा सेंटर हब के रूप में उभरेगा। डेटा सेंटर से दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद, बैंगलोर, कोलकाता और पुणे जैसे लैंडलॉक शहरों को फायदा मिलेगा। भारत के घनी आबादी वाले पूर्वी क्षेत्र में स्थित कोलकाता में अगले कुछ वर्षों में एक नया केबल लैंडिंग स्टेशन होने की उम्मीद है और यह एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में उभरेगा। साल 2025 तक एयरटेल वैश्विक समुद्री केबल नेटवर्क और लैंडिंग स्टेशनों के साथ पूरी तरह से एकीकृत करेगा। साथ ही 11 बड़े और 120 एज डेटा केंद्रों के अपने सबसे बड़े नेटवर्क के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।