मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI), अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर लगाए आरोपों की जांच कर रहा है। ब्लूमबर्ग ने मंगलवार 28 फरवरी को एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि SEBI दोनों पक्षों के लगाए आरोपों की जांच कर रहा है। हालांकि उसे अबतक इस मामले में कोई सबूत नहीं मिला है। खबर लिखे जाने तक इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI अदाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के अनुपालन और उनके शेयरों में ट्रेडिंग के सभी पहलुओं की जांच कर रहा है।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि SEBI के कार्यों को औपचारिक जांच के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च ने खबर लिखे जाने तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
खासतौर से, अदाणी ग्रुप की नौ सूचीबद्ध संस्थाओं को 24 जनवरी से संचयी रूप से 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जब हिंडनबर्ग ने कंपनी द्वारा “स्टॉक हेरफेर” और “लेखांकन धोखाधड़ी” का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने बीते 24 जनवरी को अदाणी ग्रुप पर “स्टॉक में हेरफेर” और “अकाउंटिंग फ्रॉड” का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के बाद से अदाणी ग्रुप की खासतौर से 9 सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू अबतक करीब 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक घट चुकी है।
अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों के जवाब में हिंडनबर्ग पर “सोच-विचार कर सिक्योरिटीज फ्रॉड” करने का आरोप लगाया था और कहा कि इसकी रिपोर्ट “एक गलत बाजार बनाने” के लिए “एक गलत उद्देश्य” के साथ जारी की गई थी। गौतम अदाणी की अगुआई वाले ग्रुप ने कहा था, “यह सिर्फ किसी एक खास कंपनी पर हमला नहीं है, बल्कि यह भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, और भारत के विकास की कहानी और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।”